What is Flat Floating and Reducing Car Loan Rate of Interest 2025: Best Tips What is The Difference?
What is Flat Floating and Reducing Car Loan Rate of Interest 2025: दोस्तों अगर आप नई कार खरीद रहे है और आपके पास पूरा पैसा नहीं है तो आप कही ना कही कार लोन लेने के लिए सोचते है ।
What is Flat Floating and Reducing Car Loan Rate of Interest 2025: अब जब आप कार लोन लेने जाते है तो बैंक आपको कई प्रकार के ब्याज दर (फ्लैट ब्याज दर, रिड्यूसिंग ब्याज दर, फ्लोटिंग ब्याज दर) ऑफर करते है जिसमें आप कन्फ्यूज रहते है कि आपके लिए कौन सा ब्याज दर उपयुक्त रहेगा ।
What is Flat Floating and Reducing Car Loan Rate of Interest 2025: आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आप लोगों के सभी प्रकार कन्फ्यूजन दूर कर देंगे । जिससे आप अपने लिए बेस्ट ब्याज दर वाला कार लोन ले पाएंगे ।
What is Flat Car Loan Interest Rate in Hindi?
What is Flat Car Loan Interest Rate in Hindi: फ्लैट इंटरेस्ट रेट वो इंटरेस्ट रेट होता है जब लोन के पूरी राशि पर ब्याज की गणना किया जाता है तो इस प्रकार के ब्याज को फ्लैट ब्याज दर कहा जाता हैं ।
फ्लैट ब्याज दर पर पूरी अवधि के दौरान समान ब्याज दर होती है ।
फ्लैट interest rate में आपकी ईएमआई एक समान होती है ।
फ्लैट रेट में आपको ब्याज ओपनिंग लोन अमाउंट पर देना होता है । उदाहरण के लिए मान लीजिए 20,000 का लोन फ्लैट रेट पर आप लेते है और आपकी 20 EMI जानी है तो हर बार आपको प्रत्येक EMI पर 20000 वाले लोन के हिसाब से ब्याज देना पड़ता है ।
What is Floating Car Loan Interest Rate in Hindi?
What is Floating Car Loan Interest Rate in Hindi: फ्लोटिंग इंटरेस्ट रेट वो इंटरेस्ट रेट होता है जब लोन के बचे हुए मूलधन (प्रिंसिपल) अमाउंट पर ब्याज की गणना की जाती है ।
फ्लोटिंग ब्याज दर फ्लैट ब्याज दर के मुकाबले काफी सस्ता पड़ता है ।
फ्लोटिंग ब्याज दर में आपका ब्याज दर मार्केट पर डिपेंड करता है । मार्केट के हिसाब से आपका ब्याज दर कम या ज्यादा होता रहता है ।
फ्लोटिंग ब्याज दर में आप समय समय पर प्रिंसिपल अमाउंट रीपेमेंट करते रहते है तो आपको बचे हुए मूलधन अमाउंट पर ही आपको ब्याज देना पड़ता हैं ।
What is Reducing Car Loan Interest Rate in Hindi?
What is Reducing Car Loan Interest Rate in Hindi: फ्लोटिंग ब्याज दर में, ब्याज दरें अवधि के दौरान बदल सकती है और वही पर रिड्यूसिंग ब्याज दर में, ब्याज दर घटती दर के तहत अर्जित होती है ।
फ्लोटिंग ब्याज दर, फिक्सिंग ब्याज दरों के मुकाबले कम होता है , वहीं पर रिड्यूसिंग इंटरेस्ट रेट में, ब्याज मूलधन कम होने के साथ साथ घटता जाता हैं।
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